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समय के प्रति हमारी निष्ठा ही समय का सदुपयोग है। हमें सदैव समय का आदर करना चाहिए। जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करना जान गया, समझों वह सफलता की कुंजी को प्राप्त कर गया। समय सबसे बलवान है जिसके सामने किसी की नहीं चलती। हम भले ही विश्राम कर लें, लेकिन समय कभी भी विश्राम नही करता, न अवकाश लेता है। वह बिना रुके, बिना थके निरंतर चलता रहता है। इसी कारण इसका महत्व और भी ज्यादा बढ जाता है। समर अनमोल होता है। इसलिए इसे धन से भी अधिक महत्वपूर्ण बताया गया है। अगर धन चला जाये तो वह वापस कमाया जा सकता है, लेकिन बीता समय हम कभी भी वापस नहीं ला सकते। संसार की प्रत्येक वस्तु को हम घटा - बढा सकते हैं, लेकिन समय को घटाया - बढाया नही जा सकता।
जो व्यक्ति समय के महत्व को समझ लेता है वह जीवन में सब कुछ पा लेता है। क्योंकि हमारा पूरा जीवन कुछ क्षणों, घंटों और दिनों का योगफल ही तो है। समय का सही उपयोग न करके हम इसे प्रतिदिन यूंही गॅवा रहे हैं। यदि समय का सही उपयोग न करके, हमने कुछ भी नहीं नही किया तो हमारा सारा जीवन व्यर्थ ही कहलायेगा। कबीरदास जी ने भी समय के महत्व को समझाते हुए कहा था -
"काल करे सो आज कर, आज करे सो अब
पल में परलैं होएगी, बहुरि करेगा कब"।
विधार्थी जीवन के लिए समय का बहुत महत्व होता है। अगर विधार्थी अपने समय का सदैव सदुपयोग करता है तो वह भविष्य में सफलता की ऊचाईयां छूता चला जाता है। विधार्थी जीवन सदैव समय और अनुशासन का पाबंद होना चाहिए। कहा भी गया है। -
छात्र जीवन कष्टों से भरा होता है। परंतु, अगर सभी कार्य समय पर किये जायें तो सफलता ही प्राप्त होती है। टाल-मटोल, हंसी-मजाक और सैर-सपाटा करके अपने समय को नष्ट करने वाले कभी कामयाब नहीं होते। उन्हें बाद में पछताना पड़ता है। क्योंकि अच्छे अवसर हमें जीवन में एक ही बार मिलते हैं बार बार नही।
मन बहलाने के साधन हमें क्षण भर के लिए सुख दे सकते हैं लेकिन अंत में उनका परिणाम अच्छा नहीं होता।
इतिहास साक्षी है कि जिस व्यक्ति ने 'समय का उचित प्रयोग किया' समय के महत्व को जान लिया, उसी ने संसार पर शासन किया। चाणक्य ने समय को विशिष्ट स्थान दिया था।
गांधी जी समय का आदर करते थे, अपने प्रत्येक कार्य को समय के अनुसार करना उनकी दिनचर्या में शामिल था। गांधी जी ने कहा था - "मित्रों के वेश में दिन हमारे सामने आते हैं और प्रकृति की अमूल्य भेंट हमें दे जाते है। अगर हम उनका उपयोग न करें तो वे चुपचाप लौट जाएगें"।
हमारे जीवन का प्रत्येक का क्षण हमारे भविष्य का निर्माता है। जो व्यक्ति समय के महत्व को समझकर भी अनजान बना रहता है, उसके पास केवल पछतावा ही रह जाता है।
समय के प्रति निष्ठा मनुष्य के जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। जो व्यक्ति समय की पूजा करता है, उसका सम्मान करता है उसके पास कभी भी समय का अभाव नही रहता। उसके सभी कार्य उचित समय पर होते चले जाते हैं वह प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर होता चला जाता है। कामयाबी उसके लिए हाथ फैलायें खड़ी रहती है। जिसे हमारे भाग्य निर्माण की आधारशिला भी कहा जा सकता है। इसलिए हमें सदैव समय की कीमत पहचान लेनी चाहिए। विशेषकर छात्रों को समय की कीमत अवश्य पहचाननी चाहिए। ऐसा न हो कि हमारा मूल्यवान समय निकल जाये और हम हाथ मसलते रह जाये।
एक कहावत भी है कि - "अब पछताये होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत"
हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम प्रत्येक क्षण का सार्थक उपयोग कर सके। अगर प्रत्येक मनुष्य अपनी दिनचर्या को अनुशासन पूर्ण बना ले तो वें "समय का सदुपयोग" कर सकेंगे।
मै! हूँ समय बड़ा बलवान
राजा हो चाहे भिखारी,
मेरे लिए एक समान
मै! हूँ समय बड़ा बलवान।