परिचय : डॉ. ऋषभदेव शर्मा
प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने हिंदी साहित्य की कई विधाओं में बहुत सा लेखन किया है। आपके 7 काव्य संग्रह, 11 आलोचना ग्रंथ और 6 वैचारिक निबंध संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आपने लगभग 50 पुस्तकों का संपादन भी किया है।
आपके काव्य संग्रह हैं-
तेवरी (1982)
तरकश (1996)
ताकि सनद रहे (2002)
देहरी (स्त्रीपक्षीय कविताएँ, 2011)
प्रेम बना रहे (2012)
सूँ साँ माणस गंध (2013)
धूप ने कविता लिखी है (2014)
इनमें से एक काव्य संग्रह ‘प्रेम बना रहे’ के तेलुगु में 2 भिन्न भिन्न अनुवाद भी आ चुके हैं- प्रेमा इला सागिपोनी (2013: अनुवादक- जी. परमेश्वर) और प्रिये चारुशीले (2013: अनुवादक- भागवतुल हेमलता)। इस पुस्तक का गुजराती में भी अनुवाद (2021: अनुवादक- डॉ. वर्षा सोलंकी) हो चुका है।
इसी प्रकार कविता संग्रह 'देहरी' का राजस्थानी में अनुवाद (2021: अनुवादक- डॉ. मंजु शर्मा) प्रकाशित हुआ है।
आपकी 51 चयनित कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद ‘IN OTHER WORDS’ (प्रो. गोपाल शर्मा द्वारा अनूदित एवं संपादित) भी पर्याप्त लोकप्रिय हुआ है।
आपके आलोचना ग्रंथ हैं- तेवरी चर्चा (1987), हिंदी कविता: आठवाँ-नवाँ दशक (1994), साहित्येतर हिंदी अनुवाद विमर्श (2000), कविता का समकाल (2011), तेलुगु साहित्य का हिंदी पाठ (2013), तेलुगु साहित्य का हिंदी अनुवाद : परंपरा और प्रदेय (2015), हिंदी भाषा के बढ़ते कदम (2015), कविता के पक्ष में (2016), कथाकारों की दुनिया (2017), साहित्य, संस्कृति और भाषा (2021), हिंदी कविता: अतीत से वर्तमान (2021)।
प्रो. ऋषभदेव शर्मा के वैचारिक निबंध संग्रह हैं-
संपादकीयम् (2019)
समकाल से मुठभेड़ (2019)
सवाल और सरोकार (2020)
लोकतंत्र के घाट पर :
इलेक्शन गाथा (ऑनलाइन; किंडल: 2020)
कोरोना काल की डायरी (ऑनलाइन; किंडल: 2020)
रामायण संदर्शन (ऑनलाइन; किंडल: 2020)
आपके प्रमुख संपादित ग्रंथ हैं-
पदचिह्न बोलते हैं (1980)
शिखर-शिखर (डॉ. जवाहर सिंह अभिनंदन ग्रंथ, 1994)
कच्ची मिट्टी–2 (1994)
माता कुसुमकुमारी हिंदीतरभाषी हिंदी साधक सम्मान: अतीत एवं संभावनाएँ (1996)
अनुवाद का सामयिक परिप्रेक्ष्य (1999, 2009)
भारतीय भाषा पत्रकारिता (2000)
अनुवाद: नई पीठिका, नए संदर्भ (2003)
हिंदी कृषक (काजाजी अभिनंदन ग्रंथ, 2005)
पुष्पक–3 (2003)
पुष्पक–4 (2004)
स्त्री सशक्तीकरण के विविध आयाम (2004)
प्रेमचंद की भाषाई चेतना (2006)
भाषा की भीतरी परतें (भाषाचिंतक प्रो.दिलीप सिंह अभिनंदन ग्रंथ, 2012)
मेरी आवाज (तेलुगु कवि कालोजी की प्रतिनिधि कविताएँ, 2013)
उत्तरआधुनिकता : साहित्य और मीडिया (2015)
संकल्पना (2015)
वृद्धावस्था विमर्श (2016)
अन्वेषी (2016)
निरभै होइ निसंक कहि के प्रतीक (डॉ. प्रेमचंद्र जैन रचनावली, 2016)
‘अँधेरे में’: पुनर्पाठ (2017)
समकालीन सरोकार और साहित्य (2017)
अस्तित्व (तेलंगाना की तेलुगु कहानियाँ, 2019)
साहित्य सृजन की समकालीनता (ईश्वर करुण अभिनंदन ग्रंथ)
तत्वदर्शी निशंक (डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' के साहित्य पर एकाग्र, 2021)
प्रो. ऋषभदेव शर्मा देश की अनेक प्रतिष्ठित अकादमिक और साहित्यिक संस्थाओं से सक्रिय रूप में जुड़े हुए हैं। आपने डीलिट, पीएचडी और एमफिल के कुल 142 शोधकार्यों का सफल निर्देशन किया है।
हिंदी भाषा और साहित्य की सेवा के लिए आपको समय-समय कई सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।
जैसे-
भानु साहित्य सम्मान-नेपाल (2020)
संपादक रत्न सम्मान-रूस (2020)
अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान-हिंदी प्रचारिणी सभा, मारीशस (2018)
आचार्य चाणक्य सम्मान (2018)
विवेकी राय स्मृति साहित्य सम्मान (2018)
अंतरराष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान-रूस (2017)
वेमूरि आंजनेय शर्मा स्मारक पुरस्कार-हैदराबाद (2015)
तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी-चेन्नई द्वारा ‘जीवनोपलब्धि सम्मान’ (2015)
सुगुणा साहित्य सम्मान-हैदराबाद (2015)
रमादेवी गोइन्का हिंदी साहित्य सम्मान (2013)
आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी द्वारा ‘हिंदीभाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ (2010)
रामेश्वर शुक्ल अंचल सम्मान-जबलपुर (2003)।
संपर्क : 208 ए, सिद्धार्थ अपार्टमेंट्स, गणेश नगर, रामंतापुर, हैदराबाद– 500013 (तेलंगाना)
मोबाइल : 8074742572.
ईमेल: rishabhadeosharma@yahoo.com
ब्लॉग:
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