तीन सवारी बागड़बिल्ला
(बच्चों के लिए रचना)
बैठे स्कूटी बागड़बिल्ला
घूम रहे थे शहर मुहल्ला
आगे लल्ली पीछे लल्ला
तीन सवारी बागड़बिल्ला
धुंध छा रहा गहरा गहरा
चला रहे थे लहरा लहरा
चौराहे पर ट्रैफिक ठहरा
खड़ा सिपाही डाले पहरा
तीन सवारी देखा जैसे
वो रोक लिया स्कूटी वैसे
तीन सवारी हो तुम कैसे
जुरमाना दो भर दो पैसे
बागड़ बिल्ला अब घबराया
अक्ल ठिकाने उसका आया
माफी मांग कर गिड़गिड़ाया
भर जुर्माना जान छुड़ाया
बच्चों जब स्कूटी पर चलना
सब नियमों का पालन करना
तीन सवारी कभी न चलना
यह गलती बच्चों ना करना
अशोक श्रीवास्तव 'कुमुद'
राजरूपपुर,
प्रयागराज (इलाहाबाद)
ashokkumarsrivastava6430@gmail.com
Mobile : 9452322287
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