विशेषण का नवाचार
पहचानो संज्ञा है कैसी या कितनी
वही तो कहलाती विशेषण प्यारी
विशेषण के होते चार भाग :
पहला - गुणवाचक
“रूप, रंग, आकार- प्रकार, स्वाद से पहचाने जिसको
गुणवाचक वही कहलाया… जैसे देखो सुन्दर फूल, मीठी खीर,लम्बा लड़का, मेरी लाला टोपी।
दूसरा - परिमाणवाचक
किलो, लीटर, मीटर आए जहाँ बस परिमाणवाचक जानो उसको…. माँ लाई दो लीटर तेल, पापा लाए चार मीटर कपड़ा, मुझे मिला दो किलो सेव….।
तीसरा -संख्यावाचक
गिन सको जिसको कम हो या ज्यादा
वो कहलाया संख्यावाचक…. जैसे -मैं रोज दो गिलास दूधपीता हूँ, सड़क पर दौड़ी चार गाड़ी, मैदान में खेल रहें बहुत सारे बच्चे...।
और अंत में आता यार
चौथा - सर्वनामिक
ज़ब संज्ञा की तरफ इशारा करे सर्वनाम
जानो उसको सर्वनामिक। देखो जैसे - वह घर मेरा है। यह गाड़ी तुम्हारी है।
नीरू सिंह
हिंदी शिक्षिका,
माउंट लीटरा जी स्कूल,
पश्चिम बंगाल
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