Republic Day 2025 Special: ध्वजारोहण (बाल कहानी) - निधि मानसिंह

Dr. Mulla Adam Ali
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Republic Day 2025 Special

ध्वजारोहण (बाल कहानी)

सोनपुर नाम के छोटे से गांव में मोहन नाम का लड़का रहता था। वह अपने ही गांव के स्कूल में छठी कक्षा का विद्यार्थी था। वह ईमानदार, होनहार, बुद्धिमान व दूसरों की सहायता करने वाला बच्चा था। गांव में सभी बड़े बुडढे व बच्चे उसे पंसद करते थे। वह अपने स्कूल व कक्षा का सबसे अच्छा विद्यार्थी था। उसके पिता जी शहर की छोटी सी मील मे काम करते थे। प्रत्येक सप्ताह के रविवार को मोहन ने पिताजी उनसे मिलने गांव में आते थे। सोनपुर गांव का जमींदार रामसिंह लालची व झगड़ालु प्रवृति का इंसान था। उसने गांव के सभी किसानों की जमीन धोखे से हडप ली थी गरीब व अनपढ़ किसान रामसिंह की चालाकी को नही समझते थे। परिवार का पालन पोषण करना था, इसी कारण व रामसिंह के यहाँ अपने ही खेतों में मजदूर बनकर काम करते थे। गरीबी के कारण गांव के बच्चे स्कूल में नही जाते थे। रामसिंह चाहता था कि मोहन भी स्कूल में न पढें इसीलिये उसने कई बार मोहन व उसके माता-पिता को भी धमकाया था। लेकिन, मोहन एक बुद्धिमान छात्र था उसे हर साल छात्रवृत्ति मिलती थी, जिससे उसके स्कूल का खर्च निकल जाता था। 26 जनवरी नजदीक थी इसलिए स्कूल के सभी बच्चे अच्छी से अच्छी कविता व भाषण की तैयारी में लगे हुए थे, क्योंकि सबसे अच्छी प्रस्तुति को बड़ा पुरस्कार मिलने वाला था। स्कूल के प्रिसिंपल ने 26 जनवरी के ध्वजारोहण के लिए जमींदार रामसिंह को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। जब मोहन को पता चला तो उसे बुरा लगा क्योंकि रामसिंह ध्वजारोहण करने के लायक नही था। लेकिन, वह प्रिसिंपल के सामने अनुशासन हीनता नही करना चाहता था। इसीलिए वह चुप रहा! 26 जनवरी का दिन आ गया सभी राष्ट्रीय भक्ति के रंग में रंगे हुए थे, प्रभात फेरी हुई, सभी विधार्थीयों के हाथों में तिरंगा झंडा लहरा रहा था। तभी ध्वजारोहण की बारी आई, रामसिंह बड़ी खुशी, घमंड व अकड के साथ ध्वजारोहण करने के लिए उठा। जैसे ही उसने ध्वजारोहण करने के लिए डोर हाथ में ली, मोहन ने कहा - रूकिये! चाचाजी उसकी आवाज सुनकर सभी चौक गये, रामसिंह को भी गुस्सा आया लेकिन, वह शर्म के कारण कुछ नही बोला। तभी मोहन के प्रिसिंपल ने कहा - मोहन बेटा ये सब क्या है? मोहन ने कहा - सर, जिस व्यक्ति में गांधी जी के समान परोपकार करने का, दूसरों की सहायता करने का, सेवा करने का गुण हो, जिसमें भगत सिंह, चन्द्रशेखर की तरह आजादी के लिए मर मिटने का गुण हो वही वही इस तिरंगे को फहराने का अधिकार रखता है। लेकिन, रामसिंह चाचाजी में तो इसमे से एक भी गुण नही उल्टे उन्होंने तो धोखे से गांव के लोगों की जमीन हडप कर उन्हें अपना गुलाम बना लिया। उन्हें किसने अधिकार दिया कि वे आजाद देश में लोगों को गुलाम बनायें? उन पर अत्याचार करे। मोहन की बातें सुनकर रामसिंह को अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने 26 जनवरी के सुंदर अवसर पर सभी गाँव वालों से माफी मांगी और सबकी जमीन वापस करने का वादा किया। रामसिंह ने कहा - कि मोहन, हमारे गांव की शान है। उसने मुझे आज सही राह दिखाई है। रामसिंह ने ध्वजारोहण की डोर मोहन को थमाते हुए कहा - ध्वजारोहण के सच्चे अधिकारी तुम हो मोहन।

nidhi maansingh ki kahani

निधि "मानसिंह"
कैथल हरियाणा

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FAQ;

1. गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

ज. भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को लागू किया गया, जिसके तहत भारत देश को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया। इसलिए लिए 26 जनवरी को हर वर्ष गणतंत्र दिवस (republic day) के रूप में मनाया जाता है।

2. 2025 में हम कौन सा गणतंत्र दिवस मना रहे हैं?

ज. 26 जनवरी (26 January) का दिन भारत में हर साल गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप में मनाया जाता है। इस साल देश 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।

3. 2025 में गणतंत्र दिवस कब है?

ज. 2025 में गणतंत्र दिवस जनवरी 26, रविवार को है (Sunday, 26 January)

4. 26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है?

ज. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य कार्यक्रम राजपथ पर आयोजित होता है और राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं।

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