महाकवि जयशंकर प्रसाद रचित महाकाव्य कामायनी : श्रद्धा सर्ग : कौन हो तुम संसृति जलनिधि तीर
Kamayani by Jaishankar Prasad
कामायनी महाकाव्य
महाकवि जयशंकर प्रसाद रचित महाकाव्य कामायनी
कामायनी श्रद्धा सर्ग
kaun tum? sanskriti jalnidhi teer
कौन तुम ? संसृति जलनिधि तीर
tarangon se phan kee maniek;
तरंगों से फेंकी मणिएक;
kar rahe nirjan ko chupachaap
कर रहे निर्जन को चुपचाप
prabha kee dhaara se abhishek.
प्रभा की धारा से अभिषेक।
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