फीजी की पुरस्कृत प्रवासी भारतीय कवयित्री : श्रीमती अमरजीत कौर

Dr. Mulla Adam Ali
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फीजी की पुरस्कृत प्रवासी भारतीय कवयित्री : श्रीमती अमरजीत कौर - सुभाषिणी लता कुमार

फीजी की पुरस्कृत प्रवासी भारतीय कवयित्री : श्रीमती अमरजीत कौर - सुभाषिणी लता कुमार, प्राध्यापिका, फिजी नेशनल यूनिवर्सिटी

कवयित्री श्रीमती अमरजीत कौर जी का परिचय :

फीजी की प्रवासी भारतीय महिला रचनाकारों में सबसे अधिक चर्चित नाम श्रीमती अमरजीत कौर का है। सन् 2011 में उनकी काव्य संग्रह ‘स्वर्णिम सांझ’ के लिए उन्हें राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त प्रवासी भारतीय साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह खालसा कॉलेज, बा में संगीत और हिंदी की अध्यापिका रह चुकी हैं। उनकी चर्चित काव्य संग्रह ‘चलो चले उस पार’ (1992), ‘उपहार’ (2003) और ‘स्वर्णीम सांझ’ (2006) हैं। फीजी के हिंदी साहित्य जगत में प्रवासी भारतीय कवयित्री श्रीमती अमरजीत कौर जी ने अपना कवित्व शक्ति और हिंदी भाषा तथा संस्कृति के माध्यम से प्रवासी भारतीय साहित्य जगत को प्रभावित किया है। सन् 1959 में पंजाब, भारत से श्रीमती अमरजीत कौर अपने पति (स्वर्गीय) श्री जोगिन्द्र सिंह कंवल जी के साथ फीजी आई। 

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