Antarnaad Poetry by Ashok Kumar Srivastava E-book Download

Dr. Mulla Adam Ali
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"अंतर्नाद" की ई-प्रति

नवकिरण प्रकाशन से प्रकाशित अनूठी पुस्तक "अंतर्नाद" में, मैंने अपनी छंदबद्थ रचनाओं में से, संवेदनशील एवं लोकप्रिय रचनाओं का, चयन किया है। त्वरित संदर्भ के लिए, छंदों के शिल्प संबंधित, संक्षिप्त जानकारी भी यथोचित स्थान पर देने का प्रयास किया है।

 भक्ति, प्रकृति, सौन्दर्य, प्रेम (संयोग/वियोग), युवा, कर्मकार, शहीदों की शहादत, पर्यावरण, सामयिक समस्याओं जैसे प्रदूषण, कोरोना महामारी, दहेज, राजनीतिक समस्याओं; समाज में व्याप्त विषमताओं आदि समाज से जुड़े लगभग हर विषयों, को अपनी इस पुस्तक में, मैंने अपनी छंदबद्थ रचनाओं के माध्यम से, मात्रिक छंदो (दोहे, रोला, उल्लाला, कुंडलिया, छप्पय, सोरठा, विजात, चौपाई, शृंगार, बरवै, सुमेरु छंद, सिंधु, बिहारी, दिगपाल, गीतिका, विष्णुपद, शुद्ध गीता, विधाता, ताटंक, वीर, राधेश्यामी छंद) और वर्णिक छंदो {समानिका, प्रमाणिका, श्येनिका, भुजंगी, शालिनी, इंद्रवज्रा, उपेन्द्रवज्रा, स्रिग्विणी, तोटक, वंशस्थ, द्रुतविलंबित, भुजंगप्रयातम, वसंततिलका, मालिनी, पंच चामर, मन्दाक्रांता, शिखरणी, शार्दूविक्रीडितम्, कनकमंजरी, सवैया (मदिरा, मत्तगयन्द,अरसात, किरीट, बाम, सुन्दरी) और घनाक्षरी (मनहरण, डमरू) को दो खंडों में व्यवस्थित कर कुल अपनी 100 रचनाओं को स्थान देकर, यथासंभव बौद्धिक और संवेदनात्मक संतुलन बनाए रखने का निरंतर प्रयास किया है।

अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
प्रयागराज (इलाहाबाद)
उत्तर प्रदेश

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