Poem on Hindi Day 2025: Meri Hindi - Teri Hindi by Nidhi Mansingh

Dr. Mulla Adam Ali
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हिंदी दिवस पर कविता : मेरी हिंदी - तेरी हिंदी - निधि "मानसिंह"

Poem on Hindi Day

मेरी हिंदी, तेरी हिंदी

निधि "मानसिंह"

हिन्दी भारत के माथे की बिंदी

जैसे चमके सूरज तारा।

इस सुंदर भाषा के दम पर ही

प्रसिद्ध है देश हमारा।

कितने सुंदर स्वर है इसके? 

अपनेपन का अहसास है

पढ़ने में भी, लिखने में भी

ये कितनी अच्छी और

कितनी खास है?

भिन्न-भिन्न उपबोलियां इसकी

जैसा बहता नीर।

ब्रजी, मैथिली, अवधी सब में

नि:स्वार्थ प्रेम की पीर।

हिन्दी देश कि गौरव है

इसका सम्मान बढाना है।

आर्यवत की पहचान इसी से

ये सबकों समझाना है।

फिर चाहें हम प्रवासी हो,

चाहें हो भारतवासी।

हिन्दी ही अपनायेंगे

दूर नही फिर हम से वो दिन

जय, जय हिन्दी सब

विश्व में गायेंगे।

हिन्दी को मिल जायेगा आदर

हम इडिंयन नही,

हिन्दुस्तानी कहलायेंगे।

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

निधि "मानसिंह"
कैथल हरियाणा

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