World Poetry Day 2025: जानिए विश्व कविता दिवस का महत्व और इतिहास

Dr. Mulla Adam Ali
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World Poetry Day

World Poetry Day 2025: जानिए विश्व कविता दिवस का महत्व और इतिहास

दुनिया की खूबसूरती को बयां करने के लिए कविता (kavita) से बढ़िया कोई माध्यम नहीं है, वहीं दुनिया के दुखों का भार भी इसी कविताओं ने सदियों से अपने कंधों पर ढो रखा है। स्त्रियों के सारे सपने इन कविताओं में बंधे हुए हैं, पुरुषों के डरों को भी कविताओं (kavita) ने स्वीकारा है। दुनिया कितने ही लोग हुए हैं जिनके लिए कविता ने प्राणवायु का कार्य किया है। कविताओं से हम हैं और हम ही से कविताएं हैं। कवियों और श्रोताओं, पाठकों के लिए भूत (past) भी कविता थी, वर्तमान (present) भी वही है और भविष्य (future) भी वही है। विश्व कविता दिवस में अधिक दिन दूर नहीं है। अगली स्लाइड्स से जानिए विश्व कविता दिवस का इतिहास, महत्व और अन्य जानकारी।

विश्व कविता दिवस का इतिहास

प्रति वर्ष 21 मार्च को विश्व कविता दिवस (World Poetry Day) मनाया जाता है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने 21 March को विश्व कविता दिवस (World Poetry Day 2025) के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने हर वर्ष 21 मार्च को कवियों और उनकी कविता की खुद से लेकर प्रकृति और ईश्वर आदि तक के भावों को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय लिया। विश्व कविता दिवस (World Poetry Day) के अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और साहित्य अकादमी (Sahitya Academy) के द्वारा हर साल विश्व कविता उत्सव बड़े उत्साह से मनाया जाता है।

विश्व कविता दिवस का उद्देश्य

विश्व कविता दिवस 2025 (World Poetry Day) मनाने का मुख्य उद्धेश्य कविताओं का प्रचार- प्रसार करना है। इस दिन के माध्यम से नए लेखकों एवं प्रकाशकों को प्रोत्साहित किया जाता है। कविताओं के लेखन और पठन दोनों का ही संतुलन बना रहे इसलिए भी इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया। कविताओं का भूत बहुत स्वर्णिम रहा है और वर्तमान और भविष्य भी इसी ओर जाए इसलिए भी विश्वभर में विभिन्न देशों में इस दिन को गर्व के साथ मनाया जाता है।

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