बाल कविता
🌜 ईद मुबारक 🌛
आओ शबिया, आओ शबीना
बड़ा पाक रमजान महीना।
नये - नये कपड़े सिलवाये
बच्चे ईदी मांगने जाये।
ईदगाह पर मेला भारी
खेल, खिलौने, झूला, सवारी।
सब ईदगाह में नमाज पढें
गले मिले और मीठा बँटे।
खुश होकर नाचे छोटी रूकैय्या
खूब खायेंगे आज सिवाईया।
अम्मी सजती चाची सजती
देती दुआएं दादी अमीना।
आओ शबिया आओ शबीना
बड़ा पाक रमजान महीना।
ईद मुबारक
निधि "मानसिंह"
कैथल, हरियाणा
nidhisinghiitr@gmail.com
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