Kitab Mahal Poetry By Stuti Rai : किताब महल

Dr. Mulla Adam Ali
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📒🏠 किताब महल 🏠📒

सुनो,

अगर किसी क्षण

तुमने मुझसे 

प्रेम किया हो तो

उस क्षण को 

जीवित करने के लिए

तुम ताजमहल नहीं बनाना

अगर बना सको तो

एक किताब महल बनाना

जिसमें हम और तुम

कल भी

एक किताब की तरह

पढ़ें जाएंगे

जिसमें प्रेम करने वाले

ये पढ़ेंगे की

कैसे हमें समाज के

खोखले नियमों ने

जुदा कर दिया

कैसे जाति, संस्कृति,

भाषा, रहन सहन

और न जाने कितनी

बातों की दुहाई देकर

हमें मृत्यु से पहले ही

मृत्यु दे दी गई

लेकिन, तुम सुनो

अगर किसी क्षण

तुमने मुझसे 

प्रेम किया है तो

एक किताब महल बनाना

जहां, हम और तुम

कल भी

एक किताब की तरह

पढ़ें जाएंगे।


स्तुति राय

शोधार्थी (एमफिल)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी

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