👷मजदूर वर्ग 👷
वो डराते क्यों हैं ?
जबकि ये डरना नहीं चाहते...
वह छुपाते क्यों है ?
जबकि वो जानते हैं कुछ छिप नही सकता ...
कई बार कुछ बनाने की त्यारी में –
कुछ छूट जाता है
वो जिन पर ध्यान नहीं दिया गया हो,
वो जिसे सहेजा नही गया हो ...
अक्सर बेरहमी से टूट जाता है ।
नौशीन अफशा
एम.ए., बीएड., हिंदी
दिल्ली
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