लेखक : प्रहलाद नारायण माथुर, (PRAHLAD NARAYAN MATHUR) अजमेर
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Kindle Edition : ₹ 63
Paperback : ₹ 125
"सफर रिश्तों का" एक सामाजिक एवं पारिवारिक रिश्तों पर आधारित पुस्तक है। यह आम आदमी के जीवन की कहानी लगती है।लेखक ने विभिन्न कविताओं के माध्यम से आज के भारतीय समाज में माता-पिता और बच्चों के बीच संबंधों में गिरावट का बहुत ही मार्मिक और हृदयस्पर्शी वर्णन किया है। "इंसानियत श्रमसार हो गई" में वृद्ध माता-पिता के दुख का भावपूर्ण वर्णन किया है। "मृत्यु बोध" एक बहुत ही भावपूर्ण कविता है जिसमें यह वर्णन किया गया है कि मृत्यु के बाद रिश्तेदार आपके दिल से कैसे जुड़ते हैं। पुस्तक सभी उम्र के लोगों के पढ़ने योग्य है और उन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए। यह पुस्तक सामाजिक मूल्यों को बढ़ाने और माता-पिता और बच्चों के बीच घनिष्ठ संबंधों के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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