बच्चों के लिए रचना
🤸 शेखचिल्ली 🤺
बच्चों के संग शेखचिल्ली
खेल रहे थे डंडा गिल्ली
गिल्ली को मारा जब डंडा
गिल्ली उड़ कर पहुँची दिल्ली
दिल्ली में रहती थी बिल्ली
बिल्ली थी वो बहुत निठल्ली
गिल्ली देख बहुत घबराई
घबरा घबरा हो गई टल्ली
मिली नही बच्चों को गिल्ली
बच्चे खूब उड़ायें खिल्ली
इधर उधर खिसियाया घूमे
बोले कुछ ना शेखचिल्ली
अशोक श्रीवास्तव 'कुमुद'
राजरूपपुर, प्रयागराज
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