🧚 मैं उड़ती ही जाऊँ असीम आकाश में 🧚
मैं उड़ती ही जाऊँ असीम आकाश में
पहुँच जाऊँगी वहाँ, ये ही विश्वास रहे
मार्ग तो मिलता ही जाता बढ़ने का आगे
दृढ़ संकल्प हो जो हृदय, कड़े प्रयास रहें
मस्तिष्क में भटकाव नहीं, मन में चाव हो
निरन्तर बढ़ती जाए स्वयं से ऐसी आस रहे
सदा ध्यान रखना है बस इतनी ही बात
मिल जाए लक्ष्य तो विनम्रता का आभास रहे
यूँ तो सम्पूर्ण नहीं होता है कुछ भी
सब मिल जाए 'प्रीती' कुछ और प्यास रहे।
प्रीती अमित गुप्ता
कानपुर (उत्तर प्रदेश)
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