World Environment Day 2025 Special Poetry : धरती मां का श्रृंगार

Dr. Mulla Adam Ali
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विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष कविता

🌳विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर विशेष कविता🌳 

🌳🌍धरती मां का श्रृंगार🌍🌳

धरती मां का श्रृंगार करें

वृक्षों से उनकी गोद भरे।


रोती धरती करे पुकार

चलो! वृक्ष लगाये कई हजार।


अपने स्वार्थ के लिए हम

धरती का दोहन करते हैं।


प्रदूषण, सूखा, महामारी का

हम खुद आवाहन करते हैं।


अपनी इच्छाओं की खातिर

हम वृक्ष काटते रहते हैं।


ताजी वायु से वंचित हम

बस! धूल फांकते रहते हैं।


वृक्ष, नदियां, पक्षी और पर्वत

सब धरती मां का धन है।


इन्हे यदि नही बचाया तो, 

संकट में अपना भी जीवन है।


आक्सीजन के लिए मारामारी

पर वृक्ष ना कोई लगायेगा।


एक - दूजे को दोष ही देगें

अपना फर्ज नही निभायेगा।


आओं मिलकर हम सब,

अपनी धरती से प्यार करें।


धरती मां का श्रृंगार करे

धरती मां का श्रृंगार करें।


विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

🌴🌴🌴🌴🌴

निधि "मानसिंह"

कैथल, हरियाणा

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