बच्चों के लिए रचना
🚉🚂 रेलगाड़ी 🚂🚉
इंजन शोर मचाये आगे
पीछे पीछे डिब्बे भागे
बजती सीटी इंजन की जब
सोये छोटे बच्चे जागे
खटपट खटपट दौड़े गाड़ी
दो पटरी पर दौड़े गाड़ी
हुक्म मानकर हर सिग्नल का
सरपट भागे जाए गाड़ी
जंगल घाटी नदी पहाड़ी
भागे बाग बगीचा झाड़ी
ज्यों ज्यों गाड़ी आगे भागे
छूट रहे सब दृश्य पिछाड़ी
जगह जगह की सैर कराती
चिट्ठी पाती भी ले जाती
रोज मिलाती हर बिछड़ों को
माल सवारी दोनो ढोती
भोलू शीतल गुड़िया रानी
दादा दादी नाना नानी
शहर शहर पहुँचाती सबको
चाहे मंगरू या हो जानी
अशोक श्रीवास्तव 'कुमुद'
राजरूपपुर, प्रयागराज
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