बच्चों के लिए रचना
🌙 चांद की बारात ☪️
अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
बँटा निमंत्रण खुशियाँ छाई,
चंदा घर बजती शहनाई,
बहुत ठंड थी आसमान में,
नये सूट की हुई सिलाई।
चंदा की शादी में आये,
तारे बने बराती छाये,
गजब बजाये गाना डीजे,
नाचे गाये मौज मनाये।
सूरज दादा सज कर आये,
लाल सूट में रौब जमाये,
ऐंठे जायें रोब दाब में,
गर्मी फैली सब घबराये।
लगा पसीना सबको बहने,
कपड़े गीले जो थे पहने,
हाल बेहाल हुए बराती,
पंखा एसी लगे ढूंढने।
अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
राजरूपपुर, प्रयागराज
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