मैं बोलता हूँ : Main Bolta Hun : Vivek Shukla
विवेक शुक्ल की पंक्तियाँ... मैं बोलता हूँ...
अगर मैं चुप रहता
तो रहता सामाजिक
चुप रहता तो
रहता सम्मानित
पर मैं चुप नहीं रहा
मैंने चुना बोलना
मैं बोलता हूँ और
बारहा बोलता हूँ
सिर्फ यह एहसास
दिलाने को कि
मैं एक जीवित इंसान हूँ
भावशून्य लाश नहीं ।
- विवेक शुक्ल (Vivek Shukla)
ये भी पढ़ें; Vinod Prasoon ki Kavita Apni Hindi Pyari Hai: अपनी हिंदी प्यारी है
Key Words: main bolta hun, vivek shukla, hindi poetry, bhagya shree poetry, hindi poetry shorts, hindi kavita, hindi poetry lovers, hindi poetry collection, hindi poetry community, hindi poetry status, short video, poetry short..