Main Bolta Hun : Vivek Shukla Poetry by Bhagya Shree मैं बोलता हूँ

Dr. Mulla Adam Ali
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मैं बोलता हूँ : Main Bolta Hun : Vivek Shukla


विवेक शुक्ल की पंक्तियाँ... मैं बोलता हूँ...

अगर मैं चुप रहता

तो रहता सामाजिक

चुप रहता तो

रहता सम्मानित


पर मैं चुप नहीं रहा

मैंने चुना बोलना


मैं बोलता हूँ और

बारहा बोलता हूँ

सिर्फ यह एहसास

दिलाने को कि

मैं एक जीवित इंसान हूँ

भावशून्य लाश नहीं ।

- विवेक शुक्ल (Vivek Shukla)

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