Shree Krishna Motivational : कठिन नहीं हैं भाग्य बदलना
जो भी अच्छा या बुरा हमारे साथ घटित होता है उसे हम प्रारब्ध या नसीब कहते है। कई बार हम देखते है की जो व्यक्ति दान धर्म करता है, भगवान की सेवा करता है, हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलता है फिर भी वह कई दुख झेलता है इसके विपरित में दूसरा व्यक्ति किसी भी प्रकार का दान धर्म नहीं करता, भगवान को नहीं पूजता फिर भी वह सुखी रहता है। हमें इसे ही नसीबवाला कहते है जो सुखी रहे। जो सुखी नहीं है उसे हम बदनसीब कहते है।
इन सभी को नसीब या प्रारब्ध का नाम देकर छोड़ देते है लेकिन यह नहीं सोचते कि यह प्रारब्ध क्या है। ये कैसे बनता है और हमारे ही साथ ऐसा क्यों होता है? इसका जवाब अपने भीतर या अंदर ढूंढने के बजाय अंधविश्वासों या बाबाओं, फक्रीरों के चक्कर में पड़ जाते है। सुख और दुख हमारे जीवन हिस्से है, ये दिन रात की तरह हमारे जीवन आते जाते रहते हैं। हमारे कर्मों के अनुसार भी सुख दुख प्राप्त होते हैं।
कहते है की नसीब का लिखा नहीं टलता? पूर्व जन्म के कर्मों का फल हमें भोगना ही पड़ता है ऐसा पुराणों में लिखा गया है। क्योंकि हर किसी का नसीब ईश्वर द्वारा लिखा हुआ होता है ऐसा मानना है। लेकिन इंसान यह नहीं सोचता है की कड़ी मेहनत से हम अपनी नसीब को भी बदल सकते है। अगर सच्ची लगन, ईमानदारी और कड़ी मेहनत करेंगे तो हर व्यक्ति अपना नसीब को बदल सकता है। इसलिए नसीब को दोष देने के बजाय मेहनत करना चाहिए।
अपने सामने जो भी समस्या आती है संयमित होकर उस समस्या का समाधान खोजना है ताकि नसीब को दोष देते बैठना नहीं चाहिए। सबकुछ संभव है सकारात्मक सोच के साथ, मन को एकाग्रित कर, तन मन से हम समस्या का हल निकालने में लग जाते है तो सारी प्रकृति भी आपको सहायता करने में सक्षम होगी।
इस प्रकार की मानसिता रखकर अगर आप समस्या से लड़ना शुरू करेंगे तो आप अपना भाग्य बदल सकते हैं। भगवान भी उन्हीं का साथ देता है जो लोग अपने कार्य के प्रति निष्कपट हो, ईमानदार हो, मेहनती हो। इस तरह की सोच रखते हुए हम हमारी भाग्य या नसीब को बदल सकते है।
Lord Krishna Motivational : it is not difficult to change fate
Whatever good or bad happens to us, we call it prarabdha or luck. Many times we see that the person who does charity, serves God, always walks on the path of truth, yet he suffers many miseries, on the contrary, the other person does not do any kind of charity, not to God. Even though he is worshipped, he remains happy. We call it the lucky ones who remain happy. We call those who are not happy, unlucky.
They leave all these by giving the name of luck or destiny but do not think about what this destiny is. How does this happen and why does this happen to us? Instead of looking for the answer within themselves or within themselves, they fall into the trap of superstitions or babas, fakrirs. Happiness and sorrow are part of our life, they keep coming and going in our life like day and night. According to our actions, we get happiness and sorrow.
It is said that the writing of luck does not stop? It is written in the Puranas that we have to bear the fruits of the actions of the previous birth. Because everyone's destiny is written by God. But man does not think that with hard work we can change our luck. If you have sincere dedication, honesty and hard work, then every person can change his destiny. So instead of blaming luck, one should work hard.
Whatever problem comes in front of you, you have to be restrained and find a solution to that problem so that one should not sit blaming luck. Everything is possible with positive thinking, by concentrating the mind, with body and mind, if we start solving the problem, then the whole nature will also be able to help you.
If you start fighting with this kind of mindset, then you can change your destiny. God also supports those people who are sincere towards their work, honest, hardworking. Keeping this kind of thinking we can change our destiny or luck.
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