Savera Poem by Ashok Srivastava Kumud
आज कविता कोश में आपके समक्ष खासकर बच्चों के लिए अशोक श्रीवास्तव कुमुद जी द्वारा लिखी गई रचना "सबेरा" आपके लिए। पढ़े और आनंद लें।
बच्चों के लिए रचना
🌅🌄 सबेरा 🌄🌅
बहुत सबेरे मुर्गा डोला
चला उतार नींद का चोला
कुकड़ू कूँ कुकड़ू कूँ बोला
पप्पू ने भी आँखें खोला
नभ में उड़ती चिड़िया प्यारी
लगी काम में दुनिया सारी
चहल पहल सड़कों पर भारी
हुई शुरू फिर दुनियादारी
सूरज ने फिर ली अंगड़ाई
धूप बढ़ी तेजी लहराई
मम्मी बोली सुबह हो गई
उठ जाओ सब छोड़ रजाई
अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
राजरूपपुर, प्रयागराज (इलाहाबाद)
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