Poem "Our School" by Dr. Faheem Ahmad
कविता कोश में आज आपके समक्ष डॉ. फहीम अहमद जी की कविता "अपना स्कूल"। पढ़े और आनंद लें।
हमारी अपनी स्कूल बाल कविता
अपना स्कूल
जहां उड़ने को मिलते पंख,
जहां सपनों में भरते रंग,
जहां खुशियों की रेलमपेल
जगाती है भरपूर उमंग।
जहां पर क्यारी-क्यारी रोज़ ,
महकते रंग बिरंगे फूल
वही तो है अपना स्कूल।
जहां हम खेलें कूदें रोज़,
जहां बस्ता न लगता बोझ।
जहां टीचरजी आकर हमें,
नए किस्सों की देते डोज़।
चले जब हंसी- खुशी की क्लास
सभी हो जाते हैं मशगूल
वही तो है अपना स्कूल।
जहां बातों की पढ़ें किताब,
खेल में सीखें रोज़ हिसाब।
जहां पर मुस्काए हर एक,
लगे ज्यों ताज़ा खिला गुलाब।
कभी न गुस्सा करतीं मैम,
अगर हो जाती हमसे भूल।
वही तो है अपना स्कूल।
जहां पर बजें ज्ञान के ढोल
अकल के ताले देते खोल।
जहां सच को मिलता सम्मान
झूठ की खुल जाती है पोल।
सोच को मिले जहां विस्तार,
बुद्धि की छंट जाती है धूल
वही तो है अपना स्कूल।
डॉ. फहीम अहमद
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, हिंदी विभाग,
महात्मा गांधी मेमोरियल पी.जी.कालेज,
सम्भल 244302 (उ.प्र.)
मोबाइल 8896340824
Email drfaheem807@gmail.com
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