Poetry by Poonam Singh : कविता कोश में आज आपके समक्ष पूनम सिंह की कविता "वृक्षों का रुदन"। पढ़े और आनंद लें।
वृक्षों का रुदन
वृक्ष नहीं लगाओगे तो जीवन कहां से पाओगे
हे! मानव वृक्ष इस धरा की शान हैं
वृक्षों से ही ऑक्सीजन औ शुद्ध हवा है
प्रकृति की शुद्धता में जहर न फैलाओ
वृक्ष से ही सुंदर धरा
वृक्ष नहीं तो फल कहाँ से पाओगे
नई पीढ़ी को झूलों का आनंद कहाँ से लाओगे
हरियाली है इस धरा की पहचान
वृक्षों से ही जीवन का सुरम्य विधान
वृक्ष ही है वर्षा का निदान
वृक्ष से है जड़ी बूटी का संधान वैद्य का संतान,
कई रोगों का निदान
आओ हम सब मिलकर वृक्ष लगाएँ
वसुंधरा को हरा भरा सुंदर बनाएँ
पूनम सिंह
पेड़-पौधे प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार है। पेड़-पौधों के बिना प्राणी मात्र जीवन असंभव है। प्रकृति का संरक्षण करना, हरियाली बचाए रखना हमारा कर्तव्य है। प्रकृति और पर्यावरण पर जागरूकता बढ़ाने के लिए आपके समक्ष यह कविता। हिंदी कविता, वृक्ष पर कविता, पेड़ पर कविता, पर्यावरण संरक्षण पर कविता, प्रकृति पर कविता, कविता कोश, हरियाली पर कविता, पूनम सिंह की कविताएं, कविता संग्रह, हिंदी कविताएं।
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