Adam Gondvi : मगर ये आँकड़ें झूठे हैं ये दावा किताबी है

Dr. Mulla Adam Ali
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Adam Gondvi Hindi Ghazal : Hindi Poetry

अदम गोंडवी की पोटली से निकली ग़ज़ल जो आज पूंजीवादी व्यवस्था को बखूबी बयां करती है....

तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है 

मगर ये आँकड़ें झूठे हैं ये दावा किताबी है 


उधर जम्हूरियत ढोल पीटे जा रहे हैं वो 

इधर पर्दे के पीछे बर्बरीयत है नवाबी है 


लगी है होड़-सी देखो अमीरी और ग़रीबी में 

ये पूँजीवाद के ढाँचे की बुनियादी ख़राबी है 


तुम्हारी मेज़ चाँदी की तुम्हारे जाम सोने के 

यहाँ ज़ुम्मन के घर में आज भी फूटी रक़ाबी है।

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Tumhari faailon mein gaanv ka mausam gulaabi hai : Adam Gondvi 

Quote by Adam Gondvi

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