बिहारीलाल के नीति दोहे : जगतु जनायौ जिहिं सकलु सो हरि जान्यौं नाँहि

Dr. Mulla Adam Ali
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बिहारीलाल के नीति दोहे : जगतु जनायौ जिहिं सकलु, सो हरि जान्यौं नाँहि - Bihari Lal Ke Niti Ke Dohe

Bihari Ke Dohe with Meaning : बिहारी लाल के दोहे अर्थ सहित

जगतु जनायौ जिहिं सकलु, सो हरि जान्यौं नाँहि। 

ज्यौं आँखिनु सबु देखियै, आँखि न देखी जाँहिं॥

jagatu janayo jihi sakalu, so hari jaanyaun naanhi. 

jyaun aankhinu sabu dekhiyai, aankhi na dekhee jaanhin.

जनायौ = ज्ञान कराया, उत्पन्न किया।

सकलु = सम्पूर्ण

जान्यौ नाँहि = नहीं जाना, याद नहीं किया।

भावार्थ; इस दोहे में कवि ने भगवान (ईश्वर) भक्ति करने की प्रेरणा दी है। भगवान हमें सकल संसार का ज्ञान दिया है। लेकिन उसी ईश्वर को तुम जान नहीं पाए। जैसे कि आंखों से सबकुछ देखा जा सकता है लेकिन खुद आंखें को नहीं देख सकते।

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