अशोक श्रीवास्तव 'कुमुद' की काव्य संग्रह "चंचल चुनमुन" से, बच्चों के लिए रचना
पतंग
(बच्चों के लिए रचना)
तेज हवा में उड़े पतंग,
रंग बिरंगी ना बदरंग,
आसमान में उड़े दबंग,
बेफ़िक्री में मस्त मलंग।
उड़े गगन में बिना थकान,
मस्त घूमती सीना तान,
सर सर उड़ती हवा रुझान,
फर फर भागे ज्यों तूफान।
इक दूजे से घालमघाल,
लड़े पतंगें करे कमाल,
कटी पतंगें खस्ताहाल,
उड़ना भूल गिरी बेहाल।
चाह हो छूना अगर गगन,
लक्ष्य पर बच्चों सदा नयन,
अनुशासित रखो धैर्य लगन,
नेक हो नीयत रहो मगन।
अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
राजरूपपुर, प्रयागराज
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