Jhutha Sach Novel by Yashpal : विभाजन का यथार्थ और झूठा सच
देश विभाजन पर आधारित यशपाल का उपन्यास झूठा सच
Q. देश विभाजन को आधार बनाकर यशपाल द्वारा लिखा गया महत्वपूर्ण उपन्यास?
A. देश विभाजन को आधारशील बनाकर यशपाल जी द्वारा लिखा गया महत्वपूर्ण उपन्यास "झूठा सच" (Jhutha Sach) है।
Q. "झूठा सच" उपन्यास कितने भागों में लिखा गया है?
A. झूठा सच उपन्यास दो भागों में कुल 1200 पृष्ठों में लिखा गया है। झूठा सच उपन्यास का पहला भाग "वतन और देश " (Vatan aur Desh), झूठा सच उपन्यास का दूसरा भाग "देश का भविष्य" (Desh ka Bhavishya)
Q. झूठा सच उपन्यास का प्रकाशन वर्ष?
A. झूठा सच उपन्यास (1958-1960) झूठा सच उपन्यास का पहला भाग ‘वतन और देश’ 1958 ई० प्रकाशित हुआ था और झूठा सच उपन्यास का दूसरा भाग ‘देश का भविष्य’ 1960 ई० में प्रकाशित किया गया था।
Q. झूठा सच उपन्यास के प्रमुख पात्र?
A. जयदेव पुरी, उसकी बहन तारा और जयदेव पुरी की पत्नी कनक झूठा सच उपन्यास के प्रमुख पात्र हैं।
Q. झूठा सच उपन्यास की भाषा शैली?
A. झूठा सच उपन्यास की भाषा सामान्य जन की है और लोकप्रचलित बोलचाल की भाषा का उपयोग इस उपन्यास में किया गया है।
Q. झूठा सच के लेखक कौन है?
A. झूठा सच उपन्यास के लेखक यशपाल है।
ये भी पढ़ें;
✓ विभाजन के आईने में ‘झूठा सच’
✓ यशपाल का उपन्यास झूठा सच : वतन और देश - देश का भविष्य
यशपाल का उपन्यास झूठा सच समीक्षा
झूठा सच उपन्यास की व्याख्या
विभाजन का यथार्थ और 'झूठा सच
झूठा सच का औपन्यासिक महत्व
झूठा सच उपन्यास की मूल संवेदना
झूठ सच उपन्यास किसकी रचना है?
झूठा सच उपन्यास के कितने भाग हैं?
झूठ का सच पाठ किस शैली में लिखा गया है
झूठा सच उपन्यास का सारांश एवं समीक्षा
झूठा सच उपन्यास में तारा का चरित्र चित्रण
वतन और देश (Vatan aur Desh) झूठा सच
देश का भविष्य (Desh ka Bhavishya) झूठा सच
यशपाल कृत झूठा सच उपन्यास की कथावस्तु एवं समीक्षा, झूठा सच उपन्यास के प्रमुख पात्र
Yashpal Jhuta Sach Upanyas Samiksha
Vatan aur Desh, Desh ka Bhavishya
Jhutha Sach Novel by Yashpal
Hindi Upanyas Samiksha