संत रविदास जयंती 2025 : पढ़िए उनके दोहे जो आज भी सीख देते हैं और जानें कब है रविदास जयंती

Dr. Mulla Adam Ali
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 पढ़िए उनके दोहे जो आज भी सीख देते हैं और जानें कब है रविदास जयंती

संत रविदास जयंती 2025

ravidas jayanti special

माघ महीने में पूर्णिमा (माघ पूर्णिमा) के तिथि के दिन भक्ति काल के महान दार्शनिक संत रविदास (Sant Ravidas) की जयंती मनाई जाती है। आज 12 फरवरी 2024 Magh Purnima Sant Ravidas Jayanti. आइए आज संत शिरोमणि रैदास के प्रसिद्ध दोहे हिंदी अर्थ सहित पढ़े और शेयर करें। Sant Raidas Ke Dohe in Hindi 

Sant Ravidas Ke Dohe: रैदास के दोहे - Doha of Raidas

Guru Ravidas Jayanti 2025 : Guru Ravidas Ke Dohe in Hindi

sant ravidas ke dohe

हरि-सा हीरा छांड कै, करै आन की आस

ते नर जमपुर जाहिंगे, सत भाषै रविदास

hari-sa hira chhaand kai, karai aan ke aas

te nar jampur jahinge, sat bhashai ravidas

भावार्थ : इस दोहे में संत शिरोमणि रविदास जी कहते हैं कि इंसान हीरे जैसे कीमती हरी (ईश्वर) को छोड़कर हमेशा दूसरी चीजों (भौतिक) की आशा करते हैं। इस तरह के लोगों (हरी को भूलकर दूसरी चीजों की आशा करते हैं) अवश्य नर्क में जाना पड़ता है। इसका अर्थ यह है कि ईश्वर की भक्ति को छोड़कर, ईश्वर से दूर रहना या इधर उधर भटकना बिल्कुल व्यर्थ है।

Sant Ravidas Jayanti 2025 : संत रविदास जी के अनमोल वचन

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करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस।

कर्म मानुष का धर्म है, सत् भाखै रविदास।।

karam bandhan mein bandh rahiyo, phal ke na tajjiyo aas.

karm manush ka dharm hai, sat bhakhai ravidas..

भावार्थ : संत रविदास जी का कहना है कि मानव का धर्म है की कर्म करना, कोई भी कार्य पूरे ईमानदारी के साथ करना हमारा कर्तव्य है, लेकिन कार्य करते समय या कार्य शुरू करने से पहले हमें उस कार्य द्वारा मिलने वाले फल के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए। ईमानदारी से किया गया कार्य का जरूर फल मिलेगा।

Guru Raidas Birth Anniversary 2025 : संत रविदास के दोहे इन हिंदी

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जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात,

रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात

Jati-jati mein jati hain, jo ketan ke pat,

Raidas manush na Jud Sake Jab tak Jaati Na Jaat 

संत रविदास जी nr इस दोहे में कहते हैं कि केले के तने को छिला जाए तो पत्ते के नीचे पत्ता और पत्ते के नीचे पत्ता देखने को मिलता है। इस तरह सारे पत्ते निकल जाते है परंतु अंत में कुछ भी नहीं मिलता। ठीक उसी प्रकार मानव भी जातियों में बंटा हुआ है। रैदास का कहना है कि इंसान द्वारा बनाए गए जातियां इंसान को ही बांट दिया है। इंसान खत्म हो जाता है पर जातियां खत्म नहीं होगी, जब तक जातियां खत्म नहीं होगी तब तक इन्सान एक नहीं हो सकता है। 

संत शिरोमणि रविदास जयंती 2025 : संत रविदास के दोहे अर्थ सहित

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जा देखे घिन उपजै, नरक कुंड में बास

प्रेम भगति सों ऊधरे, प्रगटत जन रैदास

Ja dekhe ghin upjai, narak kund mein bas

prem bhagati sou udhre, pragatat jan raidas

गुरु रैदास जी कहते हैं कि उन्हें देखने से लोगों को घृणा आती थी, नर्क कुंद समान है उनका निवास। ऐसे रविदास का भगवान में लीन हो जाना फिर से उनकी मनुष्य के रूप में उत्पत्ति हो गई है।

रैदास के दोहे हिंदी अर्थ सहित : Best of Raidas or Ravidas Dohe

sant ravidas ke dohe

कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा

वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा

krishn, kareem, ram, hari, raghav, jab lag ek na pekha

Ved kateb Qur'an, puraanan, sahaj ek nahin dekha

गुरु रैदास जी कहते हैं कि ईश्वर एक ही है। लेकिन उनके नाम अलग अलग है उनमें राम, कृष्ण, हरी, रहीम और राघव आदि नाम है। सभी पुराण, वेद और कुरान जैसे सभी ग्रंथ में एक ही भगवान का गुणगान किया हुआ है और ये सभी ग्रंथ ईश्वर की भक्ति का पाठ हमें सिखाते हैं।

Sant Shiromani Ravidas Ke Dohe : संत रविदास द्वारा रचित मार्गदर्शक दोहे

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रैदास कहै जाकै हदै, रहे रैन दिन राम।

सो भगता भगवंत सम, क्रोध न व्यापै काम।।

Raidas kahai jakai hadai, rahe rain din ram

Sou bhagta bhagvant sam, krodh na vyapai kaam 

भावार्थ : इस दोहे के माध्यम से संत शिरोमणि रविदास जी ने भक्ति भावना के बारे में बता रहे है। भक्ति में ही असली शक्ति होती है इसका वर्णन रैदास कर रहे हैं। गुरु रैदास जी कहते हैं कि दिन-रात जिसका हृदय में राम नाम का वास होता है वह हृदय स्वयं राम के समान होता है। जिसके हृदय में राम वास करते हैं उस व्यक्ति को कभी क्रोध नहीं आता क्योंकि राम नाम में इतनी शक्ति होती है। राम वास हृदय कभी भी कामभावना का शिकार नहीं होता है।

Bhakt Ravidas Ke Dohe in Hindi : भक्त रैदास के दोहे - हिंदी दोहे अर्थ सहित 

sant ravidas ke dohe

एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।

रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अगाय।।

Ekai Saadhe sab sadhai, sab saadhe san jaai

Rahiman moolhin seenchinbon, foolai falai agaai

भावार्थ : गुरु रविदास जी कहते हैं कि हम एक साथ कई कामों को शुरू करते हैं तो कोई में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। जैसा कि पेड़ की एक-एक टहनी और पत्ते को सींचकर उसके पेड़ को यदि सूखा छोड़ दिया तो वह पेड़ कभी हमें फल नहीं दे सकता।

Hindi Dohe with Meaning Raidas best Anmol Vachan : Anmol Dohe in Hindi 

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रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच।

नर कूँ नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच।।

ravidaas janm ke karanai, hot na kou neech.

nar koon neech kari daari hai, ochhe karam ki keech..

भावार्थ : रविदास जी इस दोहे में यह कहना चाहते हैं कि कोई भी इंसान अपने जन्म से ऊंच-नीच नहीं होता है। इंसान के द्वारा किए गए कर्म ही उसे ऊंच-नीच बना देते हैं। अर्थात् कर्म ही इंसान को बड़ा या छोटा बनाते हैं।

Sant Ravidas Famous Dohe in Hindi : संत रैदास के प्रसिद्ध दोहे हिंदी में अर्थ सहित 

ravidas jayanti special

मन ही पूजा मन ही धूप।

मन ही सेऊं सहज स्वरूप।।

man hi pooja man hk dhoop.

man hi seoon sahaj swaroop..

इस दोहे में संत शिरोमणि रविदास जी कहते हैं कि भगवान हमेशा जैसे मन में निवास रहता है जिसका मन स्वच्छ और निर्मल रहता है। यदि आपके मन में किसी के प्रति वैर भाव, घृणा, लालच, द्वेष या इर्ष्या नहीं है तो आपका मन ईश्वर के मंदिर समान है। अर्थात् भगवान हमेशा स्वच्छ और निर्मल हृदय में निवास रहते हैं।

Sant Ravidas Birthday 2025 : संत रविदास जन्मदिन विशेष रैदास के प्रमुख दोहे इन हिंदी 

sant ravidas ke dohe

रहिमन निज संपति बिना, कोउ न बिपति सहाय।

बिनु पानी ज्‍यों जलज को, नहिं रवि सकै बचाय।।

rahiman nij dhan ke bina, kou na vipatti sahay 

binu paani jyou jalaj ko, nahin ravi sakai bachai

इस दोहे गुरू रविदास जी कहते हैं कि हमारे मुश्किल परिस्थिति में कोई सहायता नहीं करता। इस मुश्किल परिस्थिति उसके द्वारा कमाई गई संपत्ति या दौलत ही उसके लिए सबसे मददगार होता है। ठीक इसी प्रकार सूर्य भी तालाब का पानी सूख जाने पर कमल (lotus) को सूखने से नहीं बचा सकता है।

Happy Ravidas Jayanti 2025 : संत रविदास जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं 

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मन चंगा तो कठौती में गंगा।।

man changa to kathautee mein ganga

If Mind is healthy the everything is fine

इस दोहे के माध्यम से संत रविदास जी कहना चाहते हैं कि जिसका मन पवित्र होता है, उसके बुलाने पर साक्षात मां गंगा भी एक कठौती में आ जाती है। कठौती का अर्थ यहां चमड़ा भिगोने के लिए पानी से भरे पात्र से है।

Sant Ravidas Quotes in Hindi : संत रैदास के अनमोल सुविचार : रविदास के अनमोल कथन 

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हिंदू तुरक नहीं कछु भेदा सभी मह एक रक्त और मासा।

दोऊ एकऊ दूजा नाहीं, पेख्यो सोइ रैदासा।।

hindu turak nahin kachhu bheda sabhi mah ek rakt aur maasa.

dou ekau dooja naahin, pekhyo soi raidaasa..

इंसान इंसान या हिंदुओं और मुसलमानों में कोई भेद भाव नहीं है, सभी में रक्त और मांस ही है। रैदास जी।दोनों को।एक समान देखते हैं।

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