हिंदी के प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां और आलोचक : भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र

Dr. Mulla Adam Ali
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हिंदी के प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां और आलोचक

Hindi Ke Parmukh Aalochak Aur Kritiyan

bharatiya kavyasastra

प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां और आलोचक

भारतीय काव्यशास्त्र पर प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां और आलोचक

Bhartiya Kavyashastra

1. भारतीय काव्यशास्त्र की भूमिका - नगेंद्र

2. रस - सिद्धांत - नगेंद्र

3. भारतीय काव्यांग - सत्यदेव चौधरी

4. भारतीय काव्यशास्त्र - सत्यदेव चौधरी

5. भारतीय काव्यशास्त्र के सिद्धांत - कृष्णदेव झा

6. भारतीय काव्यशास्त्र के प्रतिनिधि सिद्धांत - राजवंश सहाय 'हीरा'

7. भारतीय साहित्यशास्त्र - बलदेव उपाध्याय

8. भारतीय काव्यशास्त्र मूल समस्याएँ - कृष्णबल (संपादित)

9. भारतीय साहित्यशास्त्र - बलदेव उपाध्याय

10. काव्य तत्त्व विमर्श - राममूर्ति त्रिपाठी

11. रस-सिद्धांत स्वरूप और विश्लेषण - आनंदप्रकाश दीक्षित

12. रस-मीमांसा - रामचंद्र शुक्ल

13. सिद्धांत और अध्ययन - बाबू गुलाबराय

14. साहित्य-सिद्धांत - रामअवध द्विवेदी

Pashchatya Kavyashastra : पाश्चात्य काव्यशास्त्र पर प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां और आलोचक

1. पाश्चात्य काव्यशास्त्र - शांतिस्वरूप गुप्त

2. पाश्चात्य काव्यशास्त्र - रामपूजन तिवारी

3. पाश्चात्य काव्यशास्त्र की परंपरा - नगेंद्र (संपादित)

4. अरस्तू का काव्यशास्त्र - नगेंद्र

5. काव्य में उदात्त तत्त्व (भूमिका) - नरेंद्र

6. पाश्चात्य काव्यशास्त्र का इतिहास - नरेंद्र, सावित्री सिन्हा (संपादित)

7. पाश्चात्य काव्यशास्त्र : सिद्धांत और वाद - नरेंद्र, राजकुमार कोहली

8. पाश्चात्य साहित्यालोचन - देवेंद्रनाथ शर्मा

Bhasha Vigyan Evam Hindi Bhasha : भाषाविज्ञान और हिंदी भाषा पर प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां और आलोचक

1. भाषाविज्ञान की भूमिका - देवेंद्रनाथ शर्मा

2. भाषाविज्ञान - भोलानाथ तिवारी

3. भाषाशास्त्र की रूपरेखा - उदयनारायण तिवारी

4. हिंदी भाषा का इतिहास - धीरेन्द्र वर्मा

5. हिंदी शब्दानुशासन - किशोरीदास वाजपेयी

6. हिंदी भाषा का संक्षिप्त इतिहास - भोलानाथ तिवारी

7. भाषा (हिंदी अनुवाद) - लैनर्ड ब्लूमफील्ड

8. अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान : सिद्धांत और प्रयोग - डॉ० रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव

9. हिंदी उद्भव, विकास और रूप - हरदेव बाहरी

10. हिंदी व्याकरण - कामताप्रसाद गुरु

ये भी पढ़ें; हिंदी के प्रमुख नाटक और नाटककार : भारतेन्दु युग और प्रसादोत्तर युग के नाटक और नाटककार

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