Kavita Shaadi ka Mausam
शादी का मौसम
शादी का मौसम आया है
चारो तरफ बजे शहनाई
चलो रे सखी देखन चलें
सात फेरों संग सात बचन
लेने का मौसम आया है।
चारो तरफ खुशियाँ ही खुशिया छाई है
ये मौसम ढोल, नगाड़े का बड़ा प्यारा है
चले रे सखी देखन चलें
शादी का मौसम आया है
चारो तरफ सज धज बराती खड़े हैं
फूफा जी ने मुँह फुलाया है
जीजा जी भी रूठे बैठे हैं
चलो रे सखी देखन चलें
दुल्हा दुल्हन सुरम्य लगें
परिणय के मौसम में
जैसे दशरथ सुत और जनक दुलारी
उनके हाथों में मेहंदी रची
मेहंदी का रंग खुशियाँ बिखेरे
नये-नये रिश्ते जुड़ने का मौसम आया है
नई रस्मे, नई रिवाजों संग
शादी का मौसम आया है।
चारो तरफ शहनाई का मौसम आया है
कितना सुहावन मौसम है।
चलो रे सखी देखन चलें ।
पूनम सिंह
असिस्टेंट प्रोफेसर
हिंदी विभाग,
हिन्दू कन्या महाविद्यालय,
सीतापुर (उत्तर प्रदेश)
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