Hindi Sahitya Ka Itihas : Hindi Upanyas, Hindi Kahani and Hindi Natak Ke Pramukh Alochnatmak Kritiyan
हिंदी साहित्य का इतिहास : हिंदी उपन्यास और हिंदी कहानी एवं हिंदी नाटकों पर प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां
हिंदी साहित्य के प्रमुख आलोचक और उनकी कृतियों का वर्णन किया गया है। हिंदी साहित्य का इतिहास के प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां, हिंदी उपन्यास के प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां, हिंदी कहानी के प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां, हिंदी नाटकों पर प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां।
Hindi Sahitya Ka Itihas Alochanatmak Kritiyan : हिंदी साहित्य का इतिहास
1. हिंदी साहित्य का इतिहास - रामचंद्र शुक्ल
2. हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास - डॉ० रामकुमार वर्मा
3. हिंदी साहित्य का आदिकाल - हजारीप्रसाद द्विवेदी
4. हिंदी साहित्य की भूमिका - हजारीप्रसाद द्विवेदी
5. हिंदी साहित्य का वृहत इतिहास ( खंड 1 से 17 ) - नागरी प्रचारिणी सभा, काशी
6. हिंदी साहित्य का इतिहास - सं० : डॉ० नगेन्द्र, सुरेशचंद्र गुप्त
7. हिंदी साहित्य का उत्तर मध्यकाल : रीतिकाल - डॉ० महेन्द्रकुमार
8. रीतिकाल की इतिहास - दृष्टि - डॉ० सुधीन्द्रकुमार
9. आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास - कृपाशंकर शुक्ल
10. भारतेंदु युग और हिंदी भाषा की विकास-परंपरा - रामविलास शर्मा
11. हिंदी का गद्य साहित्य - डॉ० रामचंद्र तिवारी
12. हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास - डॉ० रामस्वरूप चतुर्वेदी
13. हिंदी साहित्य : उद्भव और विकास - हजारीप्रसाद द्विवेदी
14. रीतिकाव्य की भूमिका - डॉ० नगेन्द्र
15. आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ - डॉ० नामवर सिंह
Hindi Upanyas Alochanatmak Kritiyan : हिंदी उपन्यास
1. हिंदी उपन्यास : एक सर्वेक्षण - महेंद्र चतुर्वेदी
2. हिंदी उपन्यास - शिवनारायण लाल श्रीवास्तव
3. हिंदी उपन्यास : उद्भव एवं विकास - सुरेश सिन्हा
4. हिंदी उपन्यास पर पाश्चात्य प्रभाव - भारतभूषण अग्रवाल
5. हिंदी उपन्यास : एक अंतर्यात्रा - रामदरश मिश्र
6. प्रेमचंदोत्तर हिंदी उपन्यास - शिव भार्गव
7. हिंदी के लघु उपन्यासों का अध्ययन - जी०डी० शर्मा
8. हिंदी उपन्यास और यथार्थवाद - त्रिभुवन सिंह
9. हिंदी उपन्यास - सुषमा प्रियदर्शिनी
10. हिंदी के व्यक्तिवादी उपन्यास - प्रेमचंद श्रीवास्तव
Hindi Kahani Alochanatmak Kritiyan : हिंदी कहानी
1. हिंदी कहानी : अंतरंग - रामदरश मिश्र
2. कहानी: स्वरूप और संवेदना - राजेंद्र यादव
3. हिंदी कहानी संदर्भ और प्रकृति - देवीशंकर अवस्थी
4. समकालीन कहानी दशा और दृष्टि - धनंजय
5. नई कहानी की भूमिका - कमलेश्वर
6. हिंदी कहानी की शिल्प-विधि का विकास - लक्ष्मीनारायण लाल
7. हिंदी कहानी : पहचान और परख - इंद्रनाथ मदान
Hindi Natak Alochanatmak Kritiyan : हिंदी नाटकों पर
1. नाट्यशास्त्र की भारतीय परंपरा और दशरूपक - हजारीप्रसाद द्विवेदी
2. पारसी - हिंदी रंगमंच - लक्ष्मीनारायण लाल
3. आधुनिक हिंदी नाटक और रंगमंच - लक्ष्मीनारायण लाल
4. नाटक और रंगमंच की भूमिका - लक्ष्मीनारायण लाल
5. हिंदी नाटक : उद्भव और विकास - दशरथ ओझा
6. आज का हिंदी नाटक प्रगति और प्रभाव - दशरथ ओझा
7. लोकधर्मी नाट्य परंपरा - जगदीशचंद्र माथुर
8. रंगमंच कला और दृष्टि - गोविंद चातक
9. भारतीय नाट्य साहित्य - नगेंद्र
10. हिंदी रंगमंच का उद्भव और विकास - विश्वनाथ शर्मा
11. हिंदी नाट्य विमर्श - बाबू गुलाबराय
12. रंग-दर्शन - नेमिचंद्र जैन
13. भारतीय नाट्य परंपरा - नेमिचंद्र जैन
14. मिथक और समकालीन हिंदी नाटक - रमेश गौतम
15. हिंदी के प्रतीक नाटक - रमेश गौतम
16. हिंदी नाट्य समालोचना - मान्धाता ओझा
17. समकालीन हिंदी नाटककार - गिरीश रस्तोगी
18. समसामयिक हिंदी नाटकों में चरित्र-सृष्टि - जयदेव तनेजा
19. स्वातंत्र्योत्तर हिंदी नाटक - रामजन्म शर्मा
20. रंगमंच की भूमिका और हिंदी नाटक - रघुवरदयाल वार्ष्णेय
21. आधुनिक हिंदी नाटक भाषिक और संवादीय संरचना - गोविंद चातक
22. आधुनिक हिंदी नाटक - सुरेशचंद्र गुप्त
23. हिंदी नाटकों की शिल्पविधि - डॉ० गिरिजा सिंह
24. हिंदी नाटक साहित्य का इतिहास - डॉ० सोमनाथ गुप्त
25. हिंदी के समस्या नाटक - डॉ० विनय कुमार
26. स्वातंत्र्योत्तर हिंदी नाटकों में यौन चेतना (शोध प्रबंध) - डॉ० गिरीश जोशी
27. स्वातंत्र्योत्तर हिंदी नाटक में विचार-तत्त्व - अवधेश चंद्रगुप्त
28. हिंदी नाटक और रंगमंच: समकालीन परिदृश्य - डॉ० ब्रजकिशोर
29. हिंदी नाटक कोश - डॉ० दशरथ ओझा
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