21 March: World Poetry Day 2025 Special Hindi Poetry by Dr. Manju Rastogi
Vishwa Kavita Diwas
विश्व कविता दिवस पर विशेष हिंदी कविता
कविता
कविता कल्पना है, यथार्थ भी,
कविता प्रेम है, विश्वास भी,
आत्माभिव्यक्ति, संवाहक विचारों की,
कभी सुरभित पुष्प सी,कभी ख़ार भी।
व्यथित होता जब मन बेहद
तब साँस लेती भीतर कविता।
भावों पर बाँधकर शब्द-सेतु,
नयी अर्थवत्ता से भरती कविता।
दुख को साधने की कला
सुख का उत्सव मनाती कविता।
हर भाव को लयबद्ध करके
सुख-सागर में डुबाती कविता।
देशभक्ति का पाठ पढ़ाती,
क्रांतिधर्मिता कहलाती कविता।
धर्म समन्वित शब्दपुंज यह
सृष्टि सौंदर्य उद्बोधन कविता।
जब भी बैठूँ इसकी छैंया,
थोड़ा खुद को जी लेती हूँ।
भावों के सागर-मंथन से
कुछ अमृत रस पी लेती हूँ।
डॉ. मंजु रुस्तगी, चेन्नई
विश्व कविता दिवस पर हार्दिक बधाई
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