Faag Ka Mousam Poetry
फ़ाग का मौसम
लो आ गया एक बार वही, फाग का मौसम
रंगो भरी बौछार लिए, राग का मौसम
प्यार का मौसम
नैनो से ही नैनो में, होती रही बातें,
रो-रो के ही कटती रहीं, फागुन की ये रातें
अंसुवन से भीगे हुए, अशआर का मौसम
प्यार का मौसम
रूठी हुई राधा को चले, कृष्ण मनाने
फूलों भरे हाथों को, गालों पे सजाने
टेसू सा महकता हुआ, मनुहार का मौसम
प्यार का मौसम
मिलने चलीं साहिल से, मस्ती भरी लहरें
तोड़ के हर बंधन, पग कैसे ये ठहरें
फागुनवा न माने किसी, तकरार का मौसम
प्यार का मौसम
दिल चाहे की छेड़े मुझे, रंगों के बहाने
पास आए वो मेरे जरा, दस्तूर निभाने
इज़हार में ढलते हुए, इंकार का मौसम
प्यार का मौसम
होलिका में हो जाए दहन, सारी बुराई
रंग जाएँ सभी एक रंग, भूलें कटुताई
नई बाली की खुशबू लिए, नव आस का मौसम
प्यार का मौसम
बहके हुए, महके हुए जज्बात का मौसम
प्यार का मौसम
लो आ गया एक बार वही, फाग का मौसम
रंगो भरी बौछार लिए, राग का मौसम
प्यार का मौसम
डॉ. मंजु रुस्तगी
हिंदी विभागाध्यक्ष(सेवानिवृत्त)
वलियाम्मल कॉलेज फॉर वीमेन
अन्नानगर ईस्ट, चेन्नई
9840695994
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