Nani, Fir Kah Gayi Nayi Kahani : Children's Poem by Ashok Srivastava 'Kumud'
नानी, फिर कह नयी कहानी
(अशोक श्रीवास्तव कुमुद की काव्य संग्रह 'चंचल चुनमुन' से, बच्चों के लिए रचना)
नानी नानी प्यारी नानी,
हमको आती नींद न नानी,
खोल पिटारी सुना कहानी,
परी कथा या राजा रानी।
सुना कथा जंगल अलबेला,
पशु पक्षी तरुवर का मेला,
बंदर भालू मोर कुहेला,
नानी अब ना करो झमेला।
छोड़ो हठ अब मानो नानी,
बच्चों से कैसी मनमानी,
आँख मूंद ना बनो सयानी,
नानी फिर कह नयी कहानी।
बच्चे जागें सोये नानी,
छोड़ो नानी अब नादानी,
चलो सुनाओ नयी कहानी,
आ जाएगी नींद सुहानी।
अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
राजरूपपुर, प्रयागराज
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