Dr. Faheem Ahmad Ki Hindi Bal Kavitayen
कविता कोश में आज आपके समक्ष डॉ. फहीम अहमद जी द्वारा लिखी गई बाल कविता "खा ली मैंने मिर्च, उई माँ !" पढ़े और शेयर करें।
बाल कविता
खा ली मैंने मिर्च, उई माँ !
खा ली मैंने मिर्च, उई माँ !
टॉफी केक जलेबी छोड़ी,
डलिया में थी मिर्च निगोड़ी,
सोचा लाओ चख लूँ थोड़ी।
मुझसे तीखी भूल हुई, माँ!
चखी मिर्च मै लगा उछलने,
जीभ लगी उफ़ मेरी जलने,
आंसू फ़ौरन लगे निकलने।
कान गरम हैं नाक चुई, माँ!
तोता खाए टें -टें बोले,
नहीं मिठाई को मुंह खोले,
बिना मिर्च पिंजड़े में डोले,
कैसी उसकी जीभ मुई, माँ!
गई नहीं अब तक कड़वाहट,
अम्मा दे दो मुझे अमावट,
कान पकड़ता हूँ मै झटपट।
फिर जो मैंने मिर्च छुई, माँ!
डॉ. फहीम अहमद
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