Best Poem On Childhood Bachpan In Hindi : बचपन पर सुंदर कविता
कविता कोश में आज आपके लिए खूबसूरत दिल छू जाने वाली बचपन पर कविता, पढ़े और शेयर करें। रितु वर्मा की कविता "बचपन"
बचपन
देख के बचपन बच्चों का अपना मन भी झूम गया।
खेल-मस्ती करते देख उन्हें
अपना मन भी बचपन में घुम गया।
बच्चों की ये देख शरारत हल्की एक मुस्कान सी आती है,
देख के उनकी मस्ती-नादानी को अपना बचपन भी इन यादों में हमारे बचपना को फिर से यहां जिंदा कर देती है।
लौट आते है यादों में वो सब पल जो
कहीं न कहीं धुंधली स्मृतियां बनकर सिमट गए थे।
वो भी क्या दिन हुआ करते थे?
जिन में हम बेहिसाब बेखौफ जिया करते थे।
ना ही जिम्मेदारियों का बोझ और न ही कुछ खोने-पाने की चिंता बस यूँही
बिना फिक्र के ही हम तो बस जिया करते थे।
माता-पिता और अपनों के प्यार से बचपन में यूँही बस लिया करते थे।
ऐसा ही तो होता है सबका बचपन
बचपन में जिसे सब जिया करते हैं।
अपनों के प्यार से दिन शुरू और अपनों के प्यार से दिन खत्म
उस पल में तो यूँही बस रहा करते थे।
- रितु वर्मा
छत्तरपुर (नई दिल्ली)
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