Children's Poetry Garam Jalebi by Ashok Srivastava 'Kumud'
गरम जलेबी
(काव्य संग्रह "चंचल चुनमुन" से बच्चों के लिए रचना)
फल सब्जी खा मन उकताया
बंदर भाग शहर को आया
सजी दुकानें मन को भाया
महक लगी तो मन भरमाया
देख जलेबी मन ललचाया
मुँह में उसके पानी आया
अपने को वो रोक न पाया
गरम जलेबी को तौलाया
गरम जलेबी सीरा अंदर
समझ न पाया चुनमुन बंदर
मुँह में डाला हुआ बवंडर
जीभ जल गई भागा बंदर
- अशोक श्रीवास्तव "कुमुद"
राजरूपपुर, प्रयागराज
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