Janani Poem on Mothers day by Kunal Meena
12 मई 2025 रविवार मदर्स डे पर कविता : मातृ दिवस पर कुनाल मीना की कविता "जननी", पढ़े और शेयर करें।
जननी
हाथ पकड़कर मेरा,
तूने चलना सिखलाया।
चलते-चलते थक गया जब
तूने दौड़ के गले लगाया।
तेरे प्यार के आंचल मे मैने,
सुख ही सुख है पाया।
तू है जीवन दात्री मेरी,
मै तो बस! तेरा साया।
तेरी ममता की छांव ने,
हर दुख से मुझे बचाया।
हे! जननी मै ऋणी तेरा,
तुझमें जग है समाया।
- कुनाल मीना
दौसा, राजस्थान
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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