विश्व रक्तदाता दिवस कविता : रक्तदान - Poem On Blood Donation

Dr. Mulla Adam Ali
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14 June 2025 : Poem on World Blood Donor Day

Narendra Singh 'Nihar' Poetry

Poem on World Blood Donor Day

Poem on World Blood Donor Day: १४ जून २०२५ विश्व रक्तदाता दिवस पर नरेन्द्र सिंह 'नीहार' जी की  कविता "रक्तदान", पढ़े और साझा करें।

🩸रक्तदान🩸

कभी अचानक चोट लगे,

खून बहुत सा बह जाएं।

रक्त अल्पता की बीमारी,

रक्तदान ही प्राण बचाएं।

हँसकर रक्तदान करे जो,

दानवीर हैं कहलाते।

संकट की घड़ियों में अक्सर,

देवदूत हैं बन जाते।

थकान शिकन या कमजोरी,

रक्तदान से नहीं होती।

नई चेतना नई ऊर्जा,

नए रक्त में है बहती।

नियमित रक्तदान करने से,

चेहरे पर रंगत आती।

जो बाँटेगा सच्ची खुशियाँ,

उसकी झोली भर जाती।

पुण्य कर्म औ' महादान है.

रक्तदान करते रहना।

जीवन दाता कहलाओगे,

सफल सार्थक हो जीना।

- नरेन्द्र सिंह 'नीहार'

हिंदी की गूँज राष्ट्रीय संयोजक

नई दिल्ली

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