Poem on Pustak Mela in Hindi : Narendra Singh 'Nihar' Poetry
Children's Poem on Book Fair : कविता कोश में आज आपके लिए नरेंद्र सिंह 'नीहार' जी की बाल कविता "पुस्तक मेला", पढ़े और शेयर करें। Bal Kavita Pustak Mela
📒 पुस्तक मेला 📚
ज्ञान कुंज-सा लगता हमको
सब मेलों में अलबेला
छोटे-बड़े सभी जन आते
लगता जब पुस्तक मेला
सजी-धजी से देख किताबें
युवा मन भी ललचाए
उम्मीदों की किरन किताबें
भर-भर थैले लाएं
कितने लेखक कवि प्रकाशक
एक मंच पर मिल जाते
पुस्तक प्रेमी पुलक पुलक कर
देख रहे आते-जाते
राजू भैया-प्यारे भैया
पुस्तक मेला चले चलो
बाल मंडप में होगी मस्ती
आगे-आगे बढ़े चलो।
- नरेंद्र सिंह 'नीहार'
हिंदी की गूँज राष्ट्रीय संयोजक
नई दिल्ली
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