पापा मुझे पतंग दिला दो : हिंदी बाल कविता - त्रिलोक सिंह ठकुरेला

Dr. Mulla Adam Ali
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"Papa Mujhe Patang Dilado" Bal Kavita : Trilok Singh Thakurela

Poem on Kite in Hindi by Trilok Singh Thakurela

पापा मुझे पतंग दिला दो / त्रिलोक सिंह ठकुरेला 

पापा, मुझे पतंग दिला दो,

भैया रोज उड़ाते हैं।

मुझे नहीं छूने देते हैं,

दिखला जीभ, चिढ़ाते हैं॥


एक नहीं लेने वाली मैं,

मुझको कई दिलाना जी।

छोटी सी चकरी दिलवाना,

मांझा बड़ा दिलाना जी॥


नारंगी और नीली, पीली

हरी, बैंगनी,भूरी,काली।

कई रंग,आकार कई हों,

भारत के नक्शे वाली ॥


कट जायेंगी कई पतंगे,

जब मेरी लहरायेगी।

चंदा मामा तक जा करके

भारत­-ध्वज फहरायेगी॥

- त्रिलोक सिंह ठकुरेला

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