Poem on Relations in Hindi : Ritu Verma Poetry Rishtey - रिश्ते

Dr. Mulla Adam Ali
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Poem on Relations in Hindi : Ritu Verma Poetry

Poem On Relationship In Hindi : Ritu Verma Ki kavita

रिश्ते

रिश्तों में है कितना लगाव?

रिश्तों के निभाने के तरीका में झलकता है।

हो चाहे वो कितने पास और दूर

उनके फिक्र में झलकता हैं। 

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और कभी-कभी तो उनके बातों को

बिन बोले ही समझना पड़ता है। 

तो कभी-कभी बोलते चेहरों से 

दबी खामोशी को पढ़ना पड़ता हैं। 

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रिश्तों के इस अपनेपन में तो 

कभी उनके हल्की मुस्कान के पीछे 

उनकी बेबसी को समझना पड़ता है। 

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और कभी-कभी तो सब कुछ भुलाकर उनके खुशियों को आगे रखना पड़ता है। 

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मन में चाहे जो भी हो रिश्तों को निभाने के लिए खुद से आगे रिश्तों को रखना पड़ता है। 

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रिश्तों का ये अनोखा एहसास ही हमें 

रिश्तों को जीना सिखाता है। 

जब रिश्तों में हो ऐसा प्यार का रंग गहरा तो एक-दूजे को रिश्तों में जीना सिखाता हैं। 

रितु वर्मा
दिल्ली, (छत्तरपुर)

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