Manvendra Subodh Jha Poem On Lord Rama In Hindi
Poem On Ram In Hindi : कविता कोश में मानवेन्द्र सुबोध झा द्वारा लिखी गई भगवान श्री राम पर कविता (Lord Ram Kavita) आपके लिए, पढ़े और साझा करें।
जिंदगी का हर पल अभिराम नहीं होता,
संकल्प - सिद्धि में कभी विराम नहीं होता।
राही जिनके हिय में धधकती स्वप्नों की ज्वाला है,
उनके नयनों में कभी आराम नहीं होता।
आओ कुछ कदम धर्म -पथ पर चलें,
अपने हिय में राम को गढ़े।।
कलयुग की त्रासदी और समय भी बदला हुआ,
सृजन का स्रोत्र मानव तू ही है फिर क्यों मेले में खड़ा।
दुनिया की इस भीड़ से अलग हट, कदम को आगे बढ़ा,
सच्चाई का पथ नितांत सूना है पड़ा।
आओ कुछ कदम धर्म -पथ पर चलें,
अपने हिय में राम को गढ़े।।
विरले ही इस रास्ते पर कभी कभार हैं मिलते,
जिनकी प्रसंशा में हिम भी पीयूष बन पिघलते।
धर्म का रवि उनके पथ को आलोक देता,
परमार्थ के कारण जो शरीर धरता।
आओ कुछ कदम धर्म -पथ पर चलें,
अपने हिय में राम को गढ़े।।
कलयुगी रंग में रंगी आज मानव की सोच है,
आज नहीं यहां कोई सुग्रीव सा दोस्त है।
भरत सा भ्राता और नहीं है सिया सी अर्धंगिनी,
कैसे गढेंगे हम सनातन देश की कहानी।
आओ कुछ कदम धर्म -पथ पर चलें,
अपने हिय में राम को गढ़े।।- 2
शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश
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