Hindi Kavita : Hum Jivit Itihas likhenge
Hindi Poetry : कविता कोश में ओम धीरज की हिंदी कविता "हम जीवित इतिहास लिखेंगे", पढ़े और शेयर करें।
हम जीवित इतिहास लिखेंगे
तुम कर लो
जीवाश्म सुरक्षित
हम जीवित इतिहास लिखेंगे।
पतझड़ के
पीले पत्तों पर
जीवन का अनुप्रास लिखेंगे।
टूट रहे
रिश्ते नातों पर
जाति-धर्म के जजबातों पर,
तुम विग्रह-
विच्छेद लिखो, पर
हम तो संधि- समास लिखेंगे।
बर्बर प्रतीक
कहकर तोड़े
नाता मर्यादा से जोड़े,
राज्यारोहण
लिखो पुनः तुम
हम द्वितीय वनवास लिखेंगे।
बारूदी
उन्मत्त जिंदगी
विस्फोटों से घिरी बंदगी,
तुम इसको
ज़ेहाद लिखो पर
हम तो सत्यानाश लिखेंगे।
सत्य चढ़े ना
अब सलीब पर
जुल्म बढ़े ना अब गरीब पर,
संशय के
धुँधले बादल पर
हम उज्ज्वल आकाश लिखेंगे।
- ओम धीरज
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