Lalach Ka Fal Hindi Kavita: हिंदी कविता लालच का फल

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Kavita: Lalach Ka Fal

Hindi Kavita Lalach Ka Fal

Hindi Kavita: कविता कोश में आज आपके लिए बद्री प्रसाद वर्मा 'अनजान' की हिंदी कविता "लालच का फल", पढ़े और साझा करें।

लालच का फल

एक दिन एक बगुला 

पहुंचा नदी तट पर भाई। 

उसे जाल पर बहुत मछलियां 

बिखरी नजर आई। 


देख कर ढेर सारी मछलियां 

बगुले के मुंह में पानी भर आया। 

बैठ जाल के उपर 

भर पेट मछलियां खाया। 


उड़ कर जब जाने लगा तो 

पैर जाल में फंस गई। 

लालच में पड़ कर बगुला 

अपनी अकल गंवाई। 


तभी वहां पर आ शिकारी 

बगुले को पकड़ ले गया।  

लालच में पड़ कर बगुला 

अपना जीवन वह गवाया। 

- बद्री प्रसाद वर्मा 'अनजान'

अध्यक्ष स्वगीॅय मीनु रेडियो श्रोता क्लब 

गल्ला मंडी गोला बाजार 273408 गोरखपुर (उ.प्र)

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