Poem on World Environment Day 2025: Manav aur Hariyali
Vishwa Paryavaran Diwas Kavita: पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ने के लिए प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है और 26 सितंबर को विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस भी मानते हैं। आज कविता कोश में विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष निधि मानसिंह की कविता "मानव और हरियाली" आपके लिए, पढ़े और साझा करें।
World Environment Day Poem In Hindi
मानव और हरियाली
हरे - भरे थे निर्झर जल वन
असंख्य रत्नों से भरी हुई।
हम सब ने जो गलती की
अब उसका सुधार नही कोई।
पहाड़ खोदकर सुंरग निकाली
किया प्रकृति को ध्वस्त बडा।
नदियां रोकी, पुल बनाये
अब रोता है क्यों खडा - खडा?
हरियाली हम खा गये सारी
सूख गये सब वन - उपवन।
एक - दूजे को दोष है देते
अब संकट मे सबका जीवन।
हम सब है अपराधी इसके
पता नही क्या है होनेवाला?
अगर अभी भी नही रूके हम
तो जल्द ही है सब खोने वाला।
- निधि 'मानसिंह'
कैथल, हरियाणा
पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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