Poem on Seasons in Hindi : Rituon Par Hindi Kavita
Hindi Poem on Seasons: कविता कोश में आज आपके लिए रितु वर्मा द्वारा ऋतुओं पर लिखी गई बेहतरीन कविता "ऋतुएँ", पढ़े और साझा करें।
🍂ऋतुएँ 🍂
प्रत्येक ऋतु हमारे जीवन में
हम से कुछ ये कहती है।
गर्मी ऋतु कहती है हमसे
मैं आई तुम्हारे आलस को मिटाने
हर पल तुम्हें सक्रिय बनाने।
फिर आती है वर्षा ऋतु जब
वह कहती हमसे मैं आई हूं ।
तुम्हें प्रकृति के सौन्दर्य से मिलाने
और इन सबका तुम्हें महत्व बताने।
पेड़ों की रक्षा तुम्हें करनी है,
ये तुम्हारा कर्तव्य है तुमको बताने।
फिर आती है शीत ऋतु अब
वह कहती है हमसे मैं आई तुम्हें
खूब ठंड लगाने ठंड लगाकर
आलस्य को जगाने।
फिर धीरे से आकर कानों में ये कहती
आलस से तुम सब खो दोगे।
ये भी तुम्हें सचेत मैं करती हूं।
अब आती है बसंत की बारी
ये हमें प्रकृति के अंत के बाद
फिर से एक आरंभ से मिलाती।
जो पेड़-पौधे सब सूख गए थे,
फिर से आकर उन्हें ये हरा-भरा बनाती हैं।
चारों तरफ आकर बेज़ान सृष्टि में
ये आकर जान भरती है।
ये सारी ऋतुएँ हमे जीवन में
कुछ न कुछ सीख दे जाती हैं।
जब भी आती है ये जीवन में
जीने का एक नया हुनर सीखा जाती हैं।
- रितु वर्मा
नई दिल्ली
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