सुंदर प्रेरक बालगीत : साहसी बालक
Hindi Bal Geet: कविता कोश में आज आपके लिए अनूप कुमार शुक्ल 'अनूप' की बच्चों में उत्साह भरने वाला प्रेरणादायक बालगीत "साहसी बालक", पढ़े और साझा करें।
साहसी बालक
शुभ वर्षा का रसमय मेघ नभ मे छाये थे,
तृण संयुत थी भूमि दृश्य भी मन भावन थे।
था शुभ प्रातः काल विहग उड़ते बहु सुन्दर,
शीतल मन्द सुगन्ध सनी थी पवन मनोहर।।
निज निज शैय्या त्याग शौच से छुट्टी पा कर,
चले निरावन खेत कृषक मन मे हर्षा कर।
पुस्तक ले निज हाथ चले बालक निज शाला,
कर ईश्वर का ध्यान यती जन फेरैं माला।।
देखो छोटा बालक जाता हैं जंगल में,
है अतीव निर्द्वंन्द मोद मन मे मंगल में।
पड़ा अचानक शब्द कान मे विस्मित स्वर से,
भागो! भागो! बचो! श्वान से इस कुकुर से।।
अहा! अचानक चिहुंक बाल ने देखा पीछे,
चिल्लाते कुछ लोग दौड़ते आते पीछे।
किन्तु डरा कब बाल मोद से कोट उतारा,
ले चट बांये हाथ साथ ही बूट उतारा।।
तब तक पहुँचा आन श्वान भी निकट बाल के,
हे ईश्वर! अब बचा प्राण निर्भीक लाल के।
अहा लपक कर लखो श्वान ने मुँह फैलाया ,
बन कर यम की मूर्ति बाल के ऊपर धाया।।
किन्तु बाल ने लखो श्वान मुख ढका कोट से,
करने लगा प्रहार हाथ मे लिए बूट से।
तब तक पहुँचे आन ग्राम वासी जन थोड़े ,
करने लगे सहाय हाथ ले लाठी रोड़े।।
किया श्वान का अन्त बाल मन मे हर्षाया,
तब उसको ग्रामीण - जनो ने कंठ लगाया।
देखो दे कर ध्यान इसे साहस कहते है,
इससे ही जन सभी सफलता को वरते है।।
भारत माँ के लाल बनो निर्भीक साहसी,
जिससे बने "अनूप" जननि स्वर्गपि गरीयसी।
जिससे हो कल्याण विश्व का और देश का,
सत्य अहिंसा पर दु:खकातर निज स्वदेश का।।
- अनूप कुमार शुक्ल अनूप
महासचिव कानपुर इतिहास समिति कानपुर
(साभार: - सुनो कहानी गाओ गीत , संपादक- जगन्नाथ वर्मा ; उन्नाव / वर्ष - २००८ ई० )
ये भी पढ़ें; सुनो कहानी गाओ गीत : कहो रेल पानी क्यों पीती?
Hindi Bal Geet, Hindi Bal Kavitayen, Hindi Kavita, Kavita Kosh, Bachhon Ke Liye Kavita, Children's Poems, Children's Poetry, Poem for Kids, Hindi Bal Sanskar, Anoop Kumar Shukla Poetry...