Children's Poem on Raksha Bandhan in Hindi (2023) : रक्षाबंधन पर बाल कविता
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रक्षाबंधन पर बाल कविता
रक्षाबंधन पास बुलाता
रक्षाबंधन पास बुलाता,
दूर-दूर जो रहते।
आओ भय्या आओ बहिना,
आपस में हैं कहते।।
बहिन राखी लेकर आती,
भाग्य पर इठलाती।
कर तिलक औ मुंह मीठा,
कलाई पर पहनाती।।
भय्या को लगता ऐसा,
मिला मुझे उपहार!
तागों में प्रेम पिरोकर,
किया बड़ा उपकार!!
चुकाऊंगा कर्जा यह,
पड़ेगी जब भारी भीड़!
ऑंधी-अंधड़ में बनकर,
एक सुरक्षित नीड़।।
सुनकर ऑंखें नम हुई,
भाव भरे हैं कैसे!
क्यों न करूं गर्व खुद पर,
भय्या मिले जब ऐसे।।
बहिन भी रही न पीछे,
बोली-करो न चिन्ता भय्या!
अवला नहीं बनचुकी सवला,
अब न दिखलाओ दया!!
- डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
देहरादून (उत्तराखण्ड)
मोबाइल -9690450659
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